बुधवार, 31 मार्च 2021

 लो झुक गया पहाड भी,युवराज को भी समझ आया
रास्ते में अनेक अंधे मोड,जरा,बचके,जरा हटके,,,,,,,,
मोह विधानसभा 55 उपचुनाव बनते बिगडते समीकरण
डा.लक्ष्मीनारायण वैष्णव

दमोह/31 March 2021\ पहाड के झुकने का समाचार मिलते ही जहां जमीनी स्तर के कार्यकर्ता प्रसन्न हो रहे थे तो वहीं दूसरी ओर जन में चर्चाओं का बाजार भी गर्म हो रहा था इस बात को लेकर कि झुकाया तो किसी को भी जा सकता है परन्तु झुकाने वाला चाहिये बात एक कद्ावर नेता और कभी कद्ावर रहे नेता की है। दमोह विधानसभा 55 के उपचुनाव का बिगुल बजने के पूर्व से ही दमोह की राजनीति में अनेक उतार चढाव दिखलाई दे रहे थे साथ में इस बिषय को लेकर जन चर्चा भी बन रही थी। कयासों के दौर लगाये जा रहे थे पर अब उन पर विराम लग गया है तो युवराज का यह कहना कि पिता के आदेश पर निर्णय लिया है यात्रा पर विराम लगा है पूर्ण विराम नही ंके अनेक मायने निकाले जा रहे हैं? सूत्र बतलाते हैं कि घाव बढे गहरे हैं और यह आसानी से भरने वाले नहीं हैं यह बात अलग है कि हम साथ साथ हैं की तर्ज पर सब कुछ सामान्य दिखलाने और जताने की बात हो रही हो? चरण वंदना और व्यक्ति परिक्रमा मंे सदैव दिखलायी देने वाले अब संगठन के मंदिर में जाकर पतिव्रता की बात का अहसास कराने और दिखलाने का प्रयास कर रहे हैं,परन्तु मन में तो वही बसे हैं जिनकी चर्चा लगातार हो रही है? यह बात अलग है कि संगठन के कुछ कद्ावर नेता इनके दांत तोड चुके हैं परन्तु सांप तो सांप होता है वह आस्तीन से निकलकर गले में भक्ति की माला डालकर जन को भ्रमित करने का प्रयास करने में लगे होने की इस समय चर्चा बनी हुई है? अनेक तो एैसे भी हैं जो कद्ावर नेताआंे के स्वच्छ दामन पर दाग नहीं पूरा काला करने का अनेक बार प्रयास कर चुके हैं बात लोक सभा चुनाव हो या फिर अन्य चुनाव की लोग इस बात की भी चर्चा करने में लगे हुये हैं।
अनेक अंधे मोड,जरा बचके जरा हटके......
विधानसभा उप चुनाव की राह में भले अनेक अवरोधों को समाप्त कर दिया गया हो परन्तु राह में अनेक अंधे मोड अभी भी हैं जिनमें ठीक वैसी ही स्थिति है जैसे दमोह जबलपुर राजमार्ग की है। संकेतों का अता पता नहीं है और मार्ग जर्जर है और अनेक अंधे मोड हैं जो नजर हटी दुर्घटना घटी का संदेश दे रहे हैं। इस मार्ग के निर्माण की कहानी से सभी परिचित हैं,यात्रा सरल,सुगम बनाने के लिये सूझबूझता के साथ ही सर्तक रहने की आवश्यकता है। जानकार बतलाते हैं कि अवरोध पैदा करने के पूरे प्रयास किये जायेंगे वह माध्यम कोई भी हो सकते हैं इसलिये जरा बचके,जरा हटके.........इस लिये सजगता,सर्तकता नहीं रखी तो दुर्घटना घटी?

एक साथ दो मुहरे पर लडना-

दमोह विधानसभा 55 उप चुनाव में सत्तारूढ दल भाजपा के प्रत्याशी को एक नहीं दो मुहरे पर चुनाव लडना पड रहा है एक कुछ अपनो से दूसरे जो कभी अपने थे। यह दुहरे मोहरे की लडाई बडी अजीब सी स्थिति अनेक बार पैदा कर रही है जिसकी जन चर्चा बन रही है। दोनो मंे सजग,सर्तक रहने की आवश्कता है नहीं तो.......? वैसे रणनीतिकारों की फौज खडी है परन्तु विभीषण भी कुछ कम नहीं हैं?उपेक्षित और अपेक्षित नहीं कार्यकर्ता अपना कर्तव्य समझ अनेक जगहों पर मैदान में लगे देखे जा रहे हैं वहीं गले में पट्टे वाले अनेक एैसे हैं जो.........?
संगठन के सामने खुलती पोल-
दमोह विधानसभा 55 के उपचुनाव के दौरान संगठन के रणनीतिकारों के सामने स्थिति स्पष्ट होने से अनेक पट्टेदारों की कलई खुलती होने की जमकर चर्चा बनी हुई है तो वहीं बिल्ला बिल्ली दूध की रखवाली करने की भी। जानकार बताते हैं कि बिल्ला बिल्ली इस प्रयास में लगे हुये हैं कि कब मालिक की नींद लगे और.........परन्तु भाई साहब रूपी चैकीदार पहरे पर होने से स्थिति चर्चाओं में बनी हुई है। जानकारों की माने तो संगठन जब-जब सत्ता के चरणों में पहंुचा है परिणाम एैसे ही आये है जैसे यहां दिखलायी दे रहे हैं? सत्ता के केन्द्र से चलते संगठन का परिणाम सामने आ रहा है?वैसे आज भी स्थिति में उतना सुधार नहीं हुआ जितना होना चाहिये कर्मठ,जमीनी स्तर के कार्यकर्ताओं में एैसे अनेक हैं जो समर्पित होने के साथ ही स्वाभिमानी भी हैं जिनकी दम पर पार्टी को मिलती है सफलता परन्तु वह वैसे ही है जैसे नींव के पत्थर होते हैं। संगठन अपनी रिपोर्ट पर आगे क्या करता है अथवा नहीं करता है या फिर वैसे ही होता है कि मतलब निकल गया तो पहचानते नहीं................या फिर बडा परिवर्तन सुधार होगा ? क्योंकि संगठन का कार्य जोडने का और अच्छे कार्यकर्ताओं का निर्माण करना बेहतर व्यवस्था जनता के लिये प्रदान करना और करवाने में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका का निर्वाहन करना होता है न कि संगठन और कार्यकर्ताओं को तोडने वालों को संरक्षण देना? क्या होगा आने वाले समय में यह तो आने वाला वक्त बतलायेगा परन्तु जन में चर्चा तो बनी हुई है।