शनिवार, 25 जुलाई 2020

प्रशासनिक अधिकारियों से बहस,पुलिस थाना में धरना दबाब का प्रयास

धारा 144 का खुला उलंघन,दो माह में तीसरी बार आया मामला सामने

तहसीलदार संघ हुआ लामबंद,सौंपा ज्ञापन कार्यवाही की मांग

थाना प्रभारी ने कहा हमारा कुछ नहीं प्रशासनिक अधिकारियों का मामला

                                           डा.एल.एन.वैष्णव

दमोह 25 जुलाई/ भले ही शासन,्रप्रशासन द्वारा जन की जान बचाने कोरोना कोविड 19 से क्षेत्र को सुरक्षित रखने के लिये दिशा निर्देश,आदेश जारी किये हों परन्तु कुछ तथाकथितों के चलते मिशन में पलीता लगते आसानी से देखा जा सकता है। लापरवाही,आदेश,नियमों का उलंघन और उस पर सीना जोरी को लेकर इस समय अनेक मामले सामने आने लगे हैं जिसके चलते लगातार चर्चाओं का बाजार गर्म बन रहा है। जिसके चलते जहां कर्तव्यनिष्ठ अधिकारी कर्मचारियों का मनोबल टूट रहा है तो वहीं दूसरी ओर शासन प्रशासन की कोरोना की जंग में भी अवरोध पैदा हो रहा है। ज्ञात हो कि भारत सरकार,प्रदेश सरकार के द्वारा सभी जिले के कलेक्टर,पुलिस अधीक्षकों को विशेष दिशा निर्देश जारी किये हैं जिसका पालन कराने की जिम्मेदारी इनको दी गयी है तो वहीं सभी नागरिकों को नियम,कानून का पालन करना अति आवश्यक है। कोरोना कोविड 19 से निपटने के लिये लगातार प्रयास चल रहे हैं और बाजार खोलने,बंद करने के साथ ही लाॅक डाउन के लिये भी निर्देश दिये गये हैं। जिससे विकराल समस्या से निपटा जा सके परन्तु किस प्रकार की समस्याओं सामने आ रही हैं इस बात को लेकर आये दिन चर्चाये सामने आती रहती हैं।

अभद्रता के बाद,दबाब की राजनीति-

प्रशासनिक अधिकारी जो कि कार्यपालिक मस्ट्रिेड के रूप में कार्य करते हैं के साथ सार्वजनिक स्थल पर बहस का मामला इस समय चर्चाओं में बना हुआ है। यहां किसी एक अधिकारी,मस्ट्रिेड का मामला नहीं अपितु अनेक का मामला है। अनुविभागीय दण्डाधिकारी गगन विसेन,तहसीलदार डा.बबीता राठौर,नायब तहसीलदार विजय साहू सहित अनेक अधिकारियों के साथ हुये बहस का मामला है जहां एक व्यापारी के द्वारा बहस को इतना बढा दिया गया कि पुलिस को हस्तक्षेप करने आना पडा।

क्या है कलेक्टर का आदेश-

लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभागए भोपाल द्वारा कोरोना वायरस कोविड.19 संपूर्ण राज्य के लिए संक्रामक रोग घोषित किया गया है। जिसके तारतम्य में दण्ड प्रक्रिया संहिता 1973 की धारा 144 के तहत दमोह जिले की राजस्व सीमा अंतर्गत प्रतिबंधात्मक आदेश को संशोधित करते हुये कलेक्टर एवं जिला मजिस्ट्रेट तरूण राठी ने आंशिक संशोधन किया है। जिला दमोह की राजस्व सीमा के भीतर कोई भी धार्मिक कार्यध्त्यौहार का आयोजन सार्वजनिक स्थलों पर नहीं किया जा सकेगाए और न ही कोई धार्मिक जलूस या रैली निकाली जा सकेगीए साथ ही सार्वजनिक स्थानों पर किसी प्रकार की मूर्तिए झांकी आदि स्थापित नहीं की जायेगी। कलेक्टर एवं जिला मजिस्ट्रेट श्री राठी ने सर्व संबंधितों से अपेक्षा हैए कि अपने.अपने घरों में पूजाध्उपासना संपादित करें। धार्मिकध्उपासना स्थलों पर कोविड.19 के संक्रमण से बचाव के लिये आवश्यक हैए कि एक समय में 05 से अधिक व्यक्ति इकट्ठे न हों। उपासना स्थलों पर फेस कवर एवं सोशल डिस्टेंसिंग के मानकों का कड़ाई से पालन किया जाना सुनिश्चित किया जाए। विवाह समारोह में मेहमानों की संख्या 20 से अधिक नहीं होगी। जिसमें वर.वधु पक्ष के अधिकतम 10.10 व्यक्ति सम्मलित हो सकेंगे। इसी प्रकार किसी पारिवारिक कार्यक्रम यथा जन्मदिनए सालगिरह आदि समारोह में 10 से अधिक व्यक्ति सम्मलित नहीं होंगे।
              उन्होंने निर्देशित किया है कि जिले के ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्रों में समस्त व्यवसायिक प्रतिष्ठान प्रतिदिन प्रातः 05  बजे से रात्रि 07.30 बजे तक सामान्य स्थिति में खुले रह सकेंगे। दमोह जिले में कोरोना वायरस की संक्रमण स्थिति को देखते हुये राज्य शासन,केन्द्र शासन,निजी कार्यालय,निजी प्रतिष्ठानों में कर्मचारियों की क्षमता के संदर्भ में पृथक से आदेश जारी किये जा सकेंगे । शासकीय या निजी संस्था में कोविड पॉजीटिव व्यक्ति पाये जाने पर लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग के द्वारा प्रसारित प्रोटोकाल अनुसार कार्यवाही की जाए। दमोह जिले की राजस्व सीमाओं के भीतर अत्यावश्यक गतिविधियों को छोडकर रात्रिकालीन कर्फ्यू रात्रि 08 बजे से प्रातः 05 बजे तक किसी भी व्यक्ति को अपने घर से बाहर निकलने की अनुमति नहीं होगी। आदेश 03 जुलाई 2020 में उल्लेखित शेष प्रतिबंध तथा प्रभावी दिनांक यथावत रहेंगे। उक्त आदेश तत्काल प्रभावशील किये गये है ।

दो माह में तीसरी बार आया मामला-

धारा 144 एवं जिलादंडाधिकारी के आदेशों की धज्जियों को उडाने का यह कोई पहला मामला नहीं है यह तीसरा मामला बतलाया जाता है। सूत्रों की माने तो गत माह एक बैठक का आयोजन हुआ जिसकी फोटो और वीडियो जमकर वायरल हुये थे। दूसरी बैठक हाल ही में बाम्बे क्लाथ में हुई जिसमें काफी बडी तादाद में उपस्थिति और फिर सीधे सिटी कोतवाली के प्रांगण में ही धरना,प्रदर्शन,नारेबाजी,सैकडों की भीड एकत्रित की गयी। नियम कानून की बात करने वाले अधिकारी कर्मचारी,पुलिस के द्वारा अगर प्रथम बार में ही कार्यवाही कर ली जाती तो शायद आज यह फजीहत देखने का नहीं मिलती जो आज हो रही है और तथाकथित अपना दबाब बना रहे हैं ?इस बात को लेकर इस समय गलियों में चर्चाओं का बाजार गर्म है?

कोरोना पाजिटिव मरीज बैठक में-

उक्त बैठक में कोरोना कोविड 19 पाॅजिटिव मरीज के सम्मिलित होने की चर्चा जमकर बनी हुई है। ज्ञात हो कि एक व्यापारी हाल ही जांच के दौरान कोरोना कोविड 19 से संक्रमित पाया गया है। ज्ञात हो कि उक्त बैठक में काॅफी बडी संख्या में व्यापारी एकत्रित हुये थे। क्या इसके लिये जिम्मेदार लोगों पर कार्यवाही नहीं होना चाहिये इस बात को लेकर शासन प्रशासन की कार्यप्रणाली पर प्रश्न चिन्ह लोग करते देखे सुने जा रहे हैं?

राजनैतिक दबाब बनाने का प्रयास-

उक्त मामले में पिछले कुछ समय से एक कद्ावर नेता के खास होने दबाब बनाने की भी जमकर चर्चा बनी हुई है? हालांकि यह सर्व विदित है जिनका नाम सामने लाने का प्रयास या दबाब बनाने का प्रयास किया जा रहा है वह एक अलग व्यक्तित्व और स्वच्छ छबि के लिये जाने जाते हैं। लेकिन जन के बीच होली में सांस्कृतिक कार्यक्रम के नाम पर लगे होडिंग और उसमें लगे चित्र फिर बार बालाओं का नृत्य,प्रतिबंध के बाद बैठक,कुछ समय बाद फिर बैठक और फिर कार्यपालिक मजिस्ट्रेडों के साथ बहस,पुलिस थाना में प्रदर्शन धारा 144 को तोडना,कर्फयू के नियमों का उलंघन को लेकर जमकर चर्चा बनी हुई है?

अध्यक्ष बनते ही लगे आरोप-

धारा 144 लागू होने और कोरोना कोविड 19 महामारी के चलते दिये गये शासन प्रशासन के आदेशों को धता बताते हुये बाम्बे क्लाथ में की गयी एक वृहद बैठक और उसमें लिये गये निर्णय पर अब प्रश्न चिन्ह अंकित होने लगे हैं? विरोध के स्वरों के फूटने के संकेत मिल रहे हैं एक बरिष्ठ व्यापारी किशोर अग्रवाल ने एक जारी विज्ञप्ति और वक्तव्य में सारी प्रक्रिया को हो ही असंवैधानिक बताते हुये संजय यादव के अध्यक्ष बनने के मामले में गंभीर आरोप लगाये हैं। वहीं सूत्र बतलाते हैं कि अनेक संगठनों के साथ ही अनेक बरिष्ठ व्यापारी कुछ बडा निर्णय लेने का मन बना चुके हैं।

जीएसटी,टेक्स की बार-बार बात-

पूरे घटना क्रम के दौरान जिस बात का जिक्र अनगिनित बार किया गया वह था कि व्यापारी जीएसटी और टेक्स भरता है और भरते हैं। हम ही सबसे ज्यादा नियमों का पालन करते हैं चर्चाओं में बना हुआ है कि क्या देश या क्षेत्र के अन्य नागरिक नियमों का विरोध करते हैं। या फिर टेक्स नहीं देते टेक्स देने से क्या किसी नियम कानून को तोडने का अधिकार मिल जाता है लगातार चर्चाओं में बना हुआ है?

उंची आवाज,भीड एकत्रित कर असत्य को सत्य बनाने का प्रयास-

उक्त प्रकरण को लेकर मामले में लगातार जो बात सामने आ रही है उसमे कितनी सच्चाई है यह एक वायरल वीडियो में निकलकर आ गयी है। सम्राट किराना स्टोर के मालिक द्वारा जो आरोप लगाये और जिनका समर्थन संजय यादव ने किया वह यहां हवा होते दिख रहे हैं। क्योंकि वीडियो में साफ दिखाई दे रहा है कि सैनिक ने न तो हाथ पकडा न ही अभद्रता की दुकान से लेकर संजय यादव के प्रतिष्ठान तक जाने वाले मार्ग में आरोप को सच साबित करने वाली कोई चीज न दिखना चर्चाओं में बनी है?

तहसीलदार संघ लामबंद,ज्ञापन,कार्यवाही की मांग-


उक्त मामले को लेकर तहसीलदार संघ लामबंद हो गया है एक ज्ञापन सौंपते हुये उन्होने कलेक्टर तरूण कुमार राठी से कार्यवाही की मांग की है। ज्ञापन में व्यापारियों द्वारा लाॅक डाउन के नियमों का उलंघन करने एवं सहयोग न करने की बात कही गयी है साथ ही कर्तव्य पर लगे अधिकारी,वर्दीधारी सैनिक के साथ व्यापारी संघ के अध्यक्ष संजय यादव द्वारा अभ्रदता करने के आरोप लगाते हुये दण्डात्मक कार्यवाही एवं प्रकरण दर्ज करने मांग की है। ज्ञापन में कहा गया है कि अगर कार्यवाही नहीं होती है तो हम सभी अधिकारी,कर्मचारी काम करने में असमर्थ होंगे। ज्ञापन सौंपने वालों में तहसीलदार डा.बबीता राठौर,आलोक जैन,विकास अग्रवाल,नायब तहसीलदार विजय साहु और रंजना यादव के नाम सम्मिलित हैं। वहीं व्यापारी संघ के अध्यक्ष संजय यादव एवं उनके साथियों ने भी कलेक्टर से मुलाकात करते हुये अपना पक्ष रखा। 


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