नगर पालिका करा रही निजी भूमि पर अवैध निर्माण........
ना जमीन का मालिकाना हक ना तकनीकी स्वीकति का अता पता.........
पूर्वनपाध्यक्ष व पूर्व प्रभारी सीएमओ पर ठेकेदार को अवैध लाभ पहुंचाने की शिकायत
दमोह। 15 Oct 2020\नगर पालिका परिषद दमोह द्वारा सिविल वार्ड नं. 3 में निजी संस्था के कब्जे वाली नजूल शीट नं.42,43 प्लाट नं. 207 एवं 209/1 कुल रकबा 1500 वर्गफुट पर अवैध अतिक्रमण कर किए जा रहे सामुदायिक भवन निर्माण तत्काल को रोकने, निमार्ण की अनुमति देने वाले नपा सीएमओ स्थल का ले आउट देने वाले उपयं़त्री, कार्यकी तकनीकी स्वीकती देने वाले कार्यपालन यंत्री व संबंधित ठेकेदार पर आपराधिक प्रकरण दर्ज कराने, समस्त भुगतान रोकने एवं किए गए समस्त भुगतानों की वसूली संबंधितों से करने एवं समस्त किए गए निर्माण कार्य को गिराने हटाने की कार्यवाही करने की मांग आरटीआई कार्यकर्ता अनुराग हजारी ने प्रमुख सचिव, नगरीय प्रषासन आयुक्त ,आयुक्त सागर, कलेक्टर व तहसीलदार से षिकायत करते की मांग की है।
षिकायत में कहा गया है कि नगर पालिका परिषद दमोह द्वारा सिविल वार्ड नं. 3 में निजी संस्था के कब्जे वाली नजूल शीट नं.42, 43 प्लाट नं. 207 एवं 209/1 कुल रकबा 1500 वर्गफुट पर अवैध अतिक्रमण कर सामुदायिक भवन का निर्माण कराया जा रहा है! जिसकी निविदा क्र./नपा/2019/184 दमोह दिनांक 09/08/2019 एनआईटी 140 टेण्डर क्र.2019 नंकऋ39889 1 कार्य का नाम -सिविल 3 में एल.एन वैष्णव के सामने रिक्त भूमि पर सामुदायिक भवन निर्माण कार्य के नाम से जारी की थी। उपरोक्त निर्माण कार्य जिस भूमि पर कराया जा रहा है वह नजूल शीट नं. 42,43 प्लाट नं. 207 209/1 सेक्रटी मिशन दमोह जेर निगरानी नजूल के नाम पर अभिलेखों में दर्ज है जिससे स्पष्ट है कि उक्त भूमि नगर पालिका के स्वामित्व की नही है इसके वावजूद नगर पालिका द्वारा जो निर्माण कराया जा रहा है वह ना सिर्फ अवैध/अवैधानिक है बल्कि शासकीय धनराषि का खुला दुरूपयोग और हितबद्ध ठेकेदार को प्रत्यक्ष लाभ पहुंचाने की आपराधिक मंशा/षडयंत्र को जाहिर करता है।
किसी भी शासकीय निर्माण के पूर्व निर्माण स्थल के संबंधम तमाम विभागों से अनापत्ति ली जाना आवश्यक होता है ओर निर्माण कार्य की तकनीकी स्वीकति सक्षम अधिकारी से विधिवत ली जाना जरूरी होता है किन्तु उक्त निर्माण कार्य हेतु ना तो कोई अनापत्ति ली गई है ना ही तकनीकी स्वीकति ली गई है। जब भूमि पर स्वामित्व ही नगर पालिका को नही है तो इस स्थिति में तकनीकी स्वीकति मिलने का प्रश्न ही नही है अतः स्पष्ट है सारा काम ठेकेदार की मनमर्जी से हो रहा है जो धोर आपराधिक कत्य की श्रेणी में आता है।
जमीन मिषन सेकेटरी मसीही समाज के नाम..........निर्माण करा रही नपा......
शिकायत में कहा गया है कि भूमि पूर्व से ही शासन द्वारा किसी अन्य संस्था को आवंटित व उसके काबिज रहने के वावजूद नगर पालिका के प्रभारी सीएमओ द्वारा अपने कार्यालयीन पत्र./2019 दमोह दिनांक 17/10/2019 के द्वारा कलेक्टर दमोह को लेख कर उक्त भूमि की मांग की गई है। जिस पर संबंधित हितबद्ध संस्था प्रबंधक सेकेटी मिशन दमोह की ओर से कलेक्टर नजूल के पत्र क्र./प्रवा.नजूल/2020 - 2021/3286 दमोह दिनांक 10/08/2020 के संबंध में दिनांक 21/08/2020 को कडी आपत्ति जताते हुए निर्माण कार्य पर रोक लगाने की मांग की गई है। साथ ही लेख किया गया है कि उक्त भूमि करीब 100 वर्षों से अधिक समय पूर्व मसीही समाज को आवंटित की गई थी जिस पर आज भी उनका मालिकाना हक व अधिकार है। जिसके संबंध में भूमि से संबंधित नक्शा/खसरा भी प्रस्तुत किए गए है।कलेक्टर दमोह द्वारा भी नगर पालिका के प्रभारी सीएमओ द्वारा अपने कार्यालयीन पत्र./2019 दमोह दिनांक 17/10/2019 का भलीभांति परीक्षण किए ही प्रकरण नजूल शाखा को भेज दिया और नजूल ने भी इस पर वाकायदा प्रकरण दर्ज कर लिया। इसी प्रकरण में नजूल आर.आई ने अपने प्रतिवेदन में उक्त भूमि प्रबंधक सेकेटी मिशन दमोह जेर निगरानी नजूल दमोह के पक्ष में होना लेख किया है।
सिविल 3 की जिस वादग्रस्त भूमि पर नगर पालिका दमोह द्वारा जिस भूमि पर सामुदायिक भवन निर्माण कार्यकराया जा रहा है उसे तत्काल रोने के साथ ही निर्माण कार्य हेतु ले आउट देने वाले उपयंत्री व तकनीकी स्वीकति देने वाले कार्यपालन यंत्री व निर्माण कर्ता ठेकेदार के खिलाफ आपराधिक प्रकरण दर्ज कराया जावे।
अध्यक्ष सीएमओ पता था उक्त भूमि पर नही कराया जा सकता निर्माण...............
षिकायत में बताया गया है कि जिस वादग्रस्त भूमि पर नगर पालिका दमोह द्वारा निर्माण कराया जा रहा है इस संबंध में नगर पालिका के तत्कालीन प्रभारी सीएम ओ श्री कपिल खरे व अध्यक्ष श्रीमति मालती असाटी इस तथ्य से वाकिफ थे कि उक्त भूमि नगर पालिका की नही है इसके बाद भी उक्त भूमि परनिर्माण हेतु निविदा सूचना आमं़ित्रत किया जाना उनकी हितबद्ध ठेकेदार को अवैध लाभ पहंुचाने की आपराधिक मंशा स्पष्ट है; चूंकि नगर पालिका अधिनियम के तहतकोइ्र भी निविदा सूचना सीएमओ व अध्यक्ष के संयुक्त हस्ताक्षर से ही जारी की जाती है अतः दोनो पर आपराधिक प्रकरण दर्ज किया जावे। उक्त प्रकार के निर्माण पर संबंधित वार्ड के पार्षद द्वारा भी कोई आपत्ति दर्ज नही कराई गई है।
किसी विभाग की अनापत्ति भी नही................
षिकायत में बताया गया है कि किसी भी शासकीय निर्माण के पूर्व निर्माण स्थल के संबंधम तमाम विभागों से अनापत्ति ली जाना आवश्यक होता है ओर निर्माण कार्य की तकनीकी स्वीकति सक्षम अधिकारी से विधिवत ली जाना जरूरी होता है किन्तु उक्त निर्माण कार्य हेतु ना तो कोई अनापत्ति ली गई है ना ही तकनीकी स्वीकति ली गई है। जब भूमि पर स्वामित्व ही नगर पालिका को नही है तो इस स्थिति में तकनीकी स्वीकति मिलने का प्रश्न ही नही है अतः स्पष्ट है सारा काम ठेकेदार की मनमर्जी से हो रहा है जो धोर आपराधिक कत्य की श्रेणी में आता है। अतः संबंधित निर्माणकर्ता ठेकेदार के खिलाफ आपराधिक प्रकरण दर्ज कराया जावे।
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